उपराज्यपाल के पद से अचानक इस्तीफा देकर दिल्ली के राजनीतिक माहौल में एकाएक गर्मी पैदा कर देने वाले नजीब जंग जाते-जाते दिल्ली सरकार से जंग का मसला छोड़ गए हैं। दिल्ली सरकार की एक सौ फाइलों को राजनिवास में रोक लिया गया है। इन फाइलों पर फैसला लेने का काम उन्होंने नए उपराज्यपाल के लिए छोड़ दिया है।
ये वे फाइलें हैं जिनमें निकली कमियों को आधार मानकर यदि कोई फैसला लिया जाता है तो सीधे तौर पर दिल्ली सरकार का कामकाज प्रभावित होगा। इसमें नियुक्तियों से संबंधित भी कुछ फाइलें हैं और कुछ ऐसी भी हैं जिनके माध्यम से सरकार के कुछ मंत्रियों को निशाना बनाया गया है। जिसमें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी नाम है।
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नजीब जंग को कुछ दिन पहले ही शुंगलू कमेटी ने दिल्ली सरकार की 400 फाइलों की जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इन फाइलों में से 300 फाइलें उपराज्यपाल के इस्तीफे से एक दिन पहले सरकार को भेज दी गई थीं।
इनमें से कई फाइलों पर राजनिवास की टिप्पणी है कि उन मामलों में उपराज्यपाल से अनुमति क्यों नहीं ली गई? कई फाइलों में कोई गड़बड़ी नहीं है, मगर कमी यह पाई गई है उपराज्यपाल से अनुमति नहीं ली गई।