सपा की ओर से तेजी से प्रत्याशियों की घोषणा के बीच दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने प्रत्याशियों की एक सूची अध्यक्ष मुलायम सिंह को सौपी थी। 367 प्रत्याशियों की यह सूची भी कल ही सामने आयी है। इसका विश्लेषण करें तो साफ है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, विधायकों के टिकट काटने के पक्षधर नहीं हैं। अलबत्ता सबसे ज्यादा विवाद मुस्लिम प्रत्याशियों को लेकर है। मुरादाबाद, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर की सीटों से पार्टी ने जिन मुस्लिमों के प्रत्याशी बनाया है, अखिलेश उनके स्थान पर दूसरे प्रत्याशियों को टिकट देना चाहते थे।
टिकट बंटवारे पर तकरार
अखिलेश यादव की मर्जी के बगैर प्रत्याशियों की सूची जारी होने से समाजवादी परिवार का संग्र्राम किस करवट बैठेगा, यह कुछ दिनों में साफ होगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटने के पक्षधर नहीं थे। मुरादाबाद और गौतमबुद्धनगर केप्रत्याशियों को लेकर सबसे अधिक मतभेद थे। अखिलेश ने नोएडा से सुनील चौधरी को टिकट देने की सिफारिश की थी जबकि वहां से अशोक सिंह चौहान को टिकट मिला है। वह दादरी से राजकुमार भाटी को प्रत्याशी बनाना चाहते थे मगर पार्टी ने रवींद्र भाटी को टिकट दिया है। ऐसे ही जेवर, खुर्जा फतेहपुर सीकरी में भी मुख्यमंत्री जिन्हें प्रत्याशी बनाना चाहते थे, उन्हे टिकट नहीं मिला। यादव राज्य महिला आयोग की चर्चित सदस्य के बेटे राहुल पाण्डेय के स्थान पर अमांपुर से वीरेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट देना चाहते थे।
सीएम की सूची में किसको मिली जगह
पटियाली से मुख्यमंत्री की पसंद नजीबा खान जीनत के स्थान पर उनकी बेटी नाशी खान को टिकट दिया गया है। वह भोगांव से आलोक कुमार शाक्य को टिकट देना चाहते थे मगर शवबख्श शाक्य को टिकट मिला है। किशनी से मुख्यमंत्री बृजेश कुमार कठेरिया को चाहते थे, मगर संध्या कठेरिया को टिकट दिया गया। यादव बहेड़ी से अताउर्ररहमान को चाहते थे मगर अंजुम रशीद को टिकट दिया गया। वह मीरगंज से हाजी जाहिद हुसैन को चाहते थे मगर टिकट सराफत यार खां को मिल गया। मुख्यमंत्री की सूची में नवाबगंज से भगवत सरन गंगवार का नाम था मगर टिकट डॉ. शहला ताहिर को मिला। वह बरेली शहर से जफर बेग को चाहते थे मगर राजेश अग्रवाल को प्रत्याशी बना दिया गया है।
अखिलेश बरेली कैंट से डॉ. इकबाल सिंह, आंवला से सिद्धराज सिंह, पूरनपुर से पीतमराम, बीसलपुर से नीरज गंगवार, सीतापुर की बिसवां से बुनियाद हुसैन, सिधौली से मनीष रावत, शाहाबाद से बाबू खां, संडीला से कुंवर महावीर सिंह, मलिहाबाद से इंदल कुमार रावत, सुल्तानपुर सदर से अरुण वर्मा और लंभुआ से संतोष पाण्डेय को टिकट देना चाहते थे जबकि इनके स्थान पर दूसरे लोगों को टिकट दिया गया है। वह कायमगंज से अजीत कुमार कठेरिया, दिबियापुर से प्रदीप यादव, औरैया से मदन सिंह गौतम, रसूलाबाद से शिव कुमार बेरिया, अकबरपुर रनिया से रामस्वरूप सिंह बिल्हौर से अरुण कुमारी, घाटमपुर से इंद्रजीत कोरी ललितपुर से ज्योति लोधी, तिंदवारी से दीपा सिंह गौर, जहानाबाद से मदनगोपाल वर्मा की जगह बीना पटेल, बिंदकी से दीनदयालु गुप्ता को प्रत्याशी बनाना चाहते थे।
अखिलेश की सूची में पट्टी से राम सिंह पटेल, मंझनपुर से हेमंत कुमार, चायल से चंद्रबली सिंह, मेजा से गिरीश चंद्र पाण्डेय, इलाहाबाद उत्तरी से संदीप यादव, रामनगर से अरविंद सिंह गोप, अयोध्या में पवन पाण्डेय, टांडा में अजीमुल हक पहलवान, बासगांव में शारदा देवी, रुद्रपुर में प्रदीप यादव, देवरिया में जेपी जायसवाल, मेहनगर में बृजलाल सोनकर, मधुबन में अल्ताफ अंसारी, फेफना में संग्राम सिंह, बांसडीह में राम गोविंद चौधरी, बदलापुर में बाबा दुबे, मुंगरा बादशाहपुर में ज्वाला प्रसाद यादव और शिवपुर से आनंद मोहन उर्फ गुड्डू यादव को टिकट देना चाहते थे, मगर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को जो सूची जारी की, उसमें इन सबके स्थान पर दूसरों को टिकट दिया गया है।