गांधीनगर (गुजरात)। दक्षिण पश्चिम एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल आर के धीर ने बताया, ‘गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाके जो पाकिस्तान के करीब हैं, उनकी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने के लिए भारतीय वायुसेना ने सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइलों की संख्या में इजाफा करने का निर्णय लिया है।‘
उड़ी आतंकी हमले के बाद पिछले तीन माह के दौरान गुजरात व आसपास के क्षेत्रों की परिस्थिति पर बात करते हुए एयर मार्शल धीर ने गांधीनगर में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (SWAC) के मुख्यालय में बताया, SWAC के इस क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और गोवा के साथ आर्मी का दक्षिणी कमांड और भारतीय नेवी का पश्चिमी कमांड आता है। हमने मिलकर खतरों से निपटने के लिए योजना बनायी है। जब भी जरूरत हुई है IAF ने विशेष पहल की है।
हाल में ही ‘आकाश’ विकसित किया गया और इजरायल निर्मित स्पाइडर मिसाइल सिस्टम के अधिग्रहण के प्रयास जारी हैं। लड़ाकू विमानों के अलावा वायुसेना गुजरात में गैस और तेल इंस्टॉलेशन भी देख रही है। गुजरात जैसे राज्यों में रडार की व्यवस्था के बारे में बताते हुए धीर ने कहा, ‘इस क्षेत्र में हमने बिना किसी रिक्त स्थान के रडार लगाए गए हैं।‘
अंतर्राष्ट्रीय सीमा और राजस्थान से गोवा तक फैले तटीय क्षेत्रों पर लंबे, मध्यम और छोटे रेंज के रडार का चेन है जो 300-350 किमी तक है और यह दुश्मनों के क्षेत्र के भीतर तक हो रहे क्रियाकलापों पर नजर रख सकता है। सूत्रों ने बताया कि लंबे रेंज के रडार सिस्टम जोधपुर, बारमेर, कच्छ, सौराष्ट्र, मुंबई और पुणे तक फैले हैं।
गुजरात ग्लोबल समिट की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले एयर शो के बारे में बताते हुए एयर मार्शल ने कहा कि 40 मिनट का एयर शो गुजरात सरकार और सुरक्षा बलों के बीच होगा ओर वायुसेना को अपनी ताकत का परिचय देने में मदद करेगा। गांधीनगर में 7 जनवरी को होने फुल ड्रेस रिहर्सल में सूर्य किरण और आकाश गंगा की टीम शामिल होगी। यह पब्लिक के लिए खुला होगा। फाइनल शो 9 जनवरी को होगा