देहरादून । देहरादून से रहस्यमय तरीके से बीस मई से लापता युवक का शव नजीबाबाद (बिजनौर) के गांव परमावाला में खेत में दबा मिला। आरोप है कि उसके साथी ने ही रंजिशन चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी और शव खेत में गाड़ दिया था। नजीबाबाद पुलिस ने शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, दून पुलिस ने हत्यारोपित को रायपुर से गिरफ्तार कर नजीबाबाद पुलिस के हवाले कर दिया।
ऐसे खुला हत्याकांड का राज
गुमशुदगी के बाद से रायपुर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि बीस मई को जावेद के पास एक मोबाइल नंबर से फोन आया था। इंस्पेक्टर रायपुर चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि इसकी जांच एसएसआई संजय मिश्रा को सौंप दी गई। जांच के दौरान पाया गया कि जिस नंबर से जावेद को फोन आया था, वह मोबाइल सेट और सिमकार्ड बरेली के म्यूडी गांव से खरीदा गया था। उससे बीस मई को केवल एक फोन कॉल जावेद को ही किया गया था। इसके बाद उसे स्विच ऑफ कर दिया गया। शक इसलिए भी पुख्ता हो गया कि उस समय मोबाइल की लोकेशन परमावाला गांव में थी, जहां जावेद के दोस्त मुफीद का घर था। जांच में पता चला कि बरेली में किसी तेजपाल नाम के व्यक्ति ने मुफीद को मोबाइल व सिमकार्ड दिए थे। पुलिस के अनुसार जावेद और मुफीद की बीवी की काफी नजदीकी थी। इस बात की जानकारी मुफीद को हो गई थी। जब जावेद की मुखबिरी पर वह एनडीपीएस में जेल चला गया तो उसने ठान ली कि जावेद से वह बदला लेकर रहेगा। जेल से छूट कर आने के बाद उसने जावेद को रास्ते से हटाने की योजना तैयार करनी शुरू कर दी।