खतरों के आगे नहीं डिगे थे कैप्टन रंजीव के हौसले

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आराकोट क्षेत्र में आपदा राहत कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश में मृतक कैप्टन रंजीव लाल (53) को आपदा क्षेत्रों में कार्य करने का लंबा अनुभव था, लेकिन बुधवार को सेब के ढुलान के लिए लगी ट्रॉली के तारों में उलझकर उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और उनकी मौत हो गई। भारतीय वायुसेना में सेवाओं के दौरान अपनी बहादुरी का परिचय देने वाले कैप्टन लाल ने सिविल एविएशन में कार्य करने के दौरान केदारनाथ आपदा के समय भी राहत, बचाव एवं पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग किया था। केदारनाथ में उनके साथ काम कर चुके निम के मनोज सेमवाल ने बताया कि कैप्टन लाल ने केदारनाथ में बेहद विषम परिस्थितियों में भी हेलीकॉप्टर उड़ाया। वे बहुत कुशल पायलट थे।

बता दें कि, बीते रविवार को आराकोट क्षेत्र के गांवों में बादल फटने से मची तबाही में इन गांवों के सड़क, पुल एवं संपर्क मार्ग तबाह हो चुके हैं। इस कारण सड़क मार्ग से इन गांवों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। इस हालात में सरकार द्वारा यहां हेलीकॉप्टरों के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

आराकोट और मोरी में बेस बनाकर राहत सामग्री भिजवाई जा रही है। बुधवार को मोरी बेस से हैरिटेज कंपनी का हेलीकॉप्टर राहत सामग्री आराकोट क्षेत्र के अलग-थलग पड़े गांवों में पहुंचाया जा रहा था। दोपहर करीब 12 बजे तीन राउंड में टिकोची, किराणू एवं कलीच तक राहत सामग्री पहुंचाने के बाद यह हेलीकॉप्टर मोल्डी गांव राहत सामग्री पहुंचाने गया था।

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