किच्छा: उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के किच्छा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बुधवार को ग्राम सिरौलीकलां निवासी एक गर्भवती ने प्रसव पीड़ा के बाद शिशु को जन्म दिया, लेकिन नवजात ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। इस पर परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। आनन-फानन में अस्पताल कर्मचारियों ने प्रसूता को वार्ड में भर्ती कर लिया। वहीं अस्पताल अधीक्षक ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
ग्राम सिरौलीकलां निवासी नाजुक (26) पत्नी जाकिर को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 108 एंबुलेंस से सीएचसी लाए। नाजुक की मां सायरा ने आरोप लगाया कि जब वे अपनी बेटी को लेकर यहां पहुंची तो अस्पताल स्टाफ ने कहीं बाहर ले जाने की बात कहकर अस्पताल से निकाल दिया। प्रसव पीड़ा से कराहती नाजुक को लेकर वह बाहर निकली तो परिसर में सड़क पर वह गिर गई और वहीं पर उसने एक बच्ची को जन्म दिया। मदद की गुहार लगाई तो अस्पताल स्टाफ आया और फिर नाजुक को लेकर डिलीवरी वार्ड में ले गए, जहां उसे बिना बिस्तर के पलंग पर लिटा दिया गया। इधर, प्रसव के बाद नवजात बच्ची की मौत हो गई। इधर नाजुक के पति जाकिर ने बताया कि प्रसव के बाद उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है।
रात में अस्पताल स्टाफ से नहीं मिली मदद
अस्पताल में अपनी पत्नी फिरदौस को लेकर आए टेलर मास्टर जावेद रजा ने बताया कि उनकी पत्नी अस्पताल में दो दिन से भर्ती थी। रात में उन्हें किसी स्टाफ से कोई मदद नहीं मिली। बताया कि रात एक बजे से लगातार वे स्टाफ को पत्नी को देखने के लिए कहते रहे, लेकिन बुधवार सुबह छह बजे तक कोई स्टाफ नहीं मिला।