मातबर सिंह कंडारी समर्थकों के साथ फिर कांग्रेस में हुए शामिल

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। देहरादून में आज भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री मातबर कंडारी ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। आज यहां कांग्रेस भवन में मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्यक्ष व एआईसीसी के पर्यवेक्षक व पूर्व मंत्री राजकुमार के सामने कंडारी ने अपने बेटे राजीव कंडारी के साथ अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गये। इस अवसर पर कंडारी ने कहा कि वह पिछले वर्ष 18 मार्च की घटना से आहत हैं और भाजपा ने जिस प्रकार से राज्य में चुनी हुई सरकार को गिराने व दल बदल करने का काम किया है, यह भाजपा की संस्कृति नहीं है लेकिन जिस प्रकार से विधानसभा में हंगामा किया गया और बाद में कांग्रेस के विधायक भाजपा के विधायकों के साथ एक ही बस में राजभवन गये और वहां पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया और इसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की पटकथा लिखी। उनका कहना है कि भाजपा की रीति नीति आज चंद लोगों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है। उनका कहना है कि वह पिछले 32 वर्ष से राजनीतिक क्षेत्र में है और उन पर एक भी दाग नहीं लगा है। उनका कहना है कि वह फिर से घर वापसी कर रहे हैं और अब कांग्रेस मेें रहकर एक सिपाही के रूप में काम करेंगें। उनका कहना है कि अब हम अपने द्वारा किये गए कार्यों को लेकर चुनाव में जाएंगे। उनका कहना है कि प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार सत्तासीन होगी। उनका कहना है कि प्रदेश में हरीश रावत सरकार ने बेहतर विकास किया है और विकास के आधर पर प्रदेश में पिफर से कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। गौरतलब है कि मातबर सिंह कंडारी रुद्रप्रयाग विधनसभा से टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने मातबर सिंह कंडारी को टिकट नहीं दिया, जिसके बाद से ही वह पार्टी से नाराज चल रहे थे। भाजपा के दिग्गज नेता रहे मातबर सिंह कंडारी 2012 के चुनाव में अपने साढू हरक सिंह रावत से रुद्रप्रयाग में चुनाव हार गए थे। चुनाव हारने के बाद कंडारी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उसके बाद पिफर कुछ वक्त कांग्रेस में बिताने के बाद मातबर सिंह कंडारी वापस भाजपा में चले आए थे। इस अवसर पर राजीव कंडारी, डा. आनंद सिंह बोरा, दरबान सिंह रावत, सूरत सिंह चौहान, संदीप थपलियाल, मेहताब हुसैन, अकिल अहमद, बिलाल सबरी अहमद, याकूब अली सहित अन्य समर्थक व भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।

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