रॉकेट में खराबी आने पर अंतरिक्ष यात्रियों की कैसे जान बचाएगा स्‍पेस एक्‍स का कैपसूल

नई दिल्‍ली । 28 जनवरी 1986 और 1 फरवरी 2003 का दिन अंतरिक्ष के इतिहास का बेहद दुखी करने वाला दिन है। 28 जनवरी को स्‍पेस शटल कोलंबिया अपनी उड़ान के चंद मिनट बाद ही आसमान में आग का गोला बन गया था और इसमें मौजूद सभी सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे। इसी तरह से 1 फरवरी को हुए हादसे में भारत ने अपनी प्‍यारी बेटी कल्‍पना चावला को उस वक्‍त खो दिया था जब उनका स्‍पेस शटल कोलंबिया टेक्‍सास के आसमान पर था। उसी वक्‍त हुए एक धमाके ने कल्‍पना के साथ सात अंतरिक्ष यात्रियों की जान ले ली थी। ये हादसे केवल अकेले नहीं हैं जिन्‍होंने अंतरिक्ष यात्रियों को उनके अंतिम सफर पर निकाला था बल्कि इसी तरह के कुछ और भी उदाहरण इतिहास के पन्‍नों में दर्ज हैं।

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