कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसवालों की हत्या का जिम्मेदार विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त से भागते समय मारा जा चुका है। उसे मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था। उज्जैन पुलिस की पूछताछ में वो काफी देर तक झूठ बोलता रहा। जबकि पकड़े जाते ही उसने आसपास के लोगों को चिल्लाते हुए अपनी पहचान कानपुर वाले विकास के रूप में बताई थी।
हालांकि पुलिसिया सख्ती के सामने उसका झूठ ज्यादा देर नहीं टिका और उसने सारा सच उगल दिया। उसने न कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या की बात कबूली बल्कि यह भी बताया कि कैसे वह उत्तर प्रदेश के बाद तीन राज्यों की सीमा को पार करते हुए उज्जैन तक आया था। उल्लेखनीय है कि गिरफ्तारी से पहले वो हरियाणा के फरीदाबाद शहर में एक होटल के रिसेप्शन पर दिखा। इसके बाद वह एक रेस्टोरेंट के बाहर भी दिखा, जहां से उसने ऑटो रिक्शा पकड़ा था। दरअसल उसे पुलिस के पहुंचने की भनक लग गई थी जिस वजह से वह फरार हो गया था।
अपनी फरारी को कारगर बनाने के लिए उसने बेहद होशियारी के साथ हर कदम उठाया। फरीदाबाद से निकलने के बाद विकास दुबे ने कार से दिल्ली की सीमा को पार किया और फिर राजस्थान के अलवर से होते हुए झालावाड़ में दाखिल हुआ। यहां से वह एक बस में सवार हुआ और 8-9 जुलाई की रात दरम्यानी रात ही उज्जैन आ गया। उज्जैन पुलिस के अनुसार विकास के दो साथी भी उसके साथ यहां आए थे जो बाद में गायब हो गए। हालांकि विकास ने पुलिस को अपने साथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। रात को वह उज्जैन में अपने एक परिचित के घर रुका और अगली सुबह जल्दी ही वहां से निकल गया।