सुशांत सिंह राजपूर आत्महत्या मामला अब हाई प्रोफाइल मामला बन गया है। दो राज्यों के बीच हुई टकराहट के बाद केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई है। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीबीआई ने इसकी जांच के लिए जिन अफसरों को जिम्मेदारी दी है, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अफसर और जांच एजेंसी के ज्वाइंट डायरेक्टर मनोज शशिधर शामिल हैं।
गुजरात कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी शशिधर की छवि एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी की रही है। इनकी अगुआई में बनी सीबीआई एसआईटी विजय माल्या और वीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच कर चुकी है। एसआईटी की दूसरी सदस्य डीआईजी गगनदीप गंभीर हैं। यूपी में अवैध खनन घोटाला और बिहार का सृजन घोटाला, इन दोनों मामलों की जांच में गगनदीप शामिल रही हैं।
इन दोनों अधिकारियों की निगरानी में एसपी नूपुर प्रसाद जांच टीम को लीड करेंगी। नूपुर प्रसाद इससे पहले सृजन घोटाले के अलावा जर्नलिस्ट उपेंद्र राय मामले की जांच कर चुकी हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ने मनोज शशिधर के नाम को अपनी मंजूरी दी थी।
खास बात है कि सुशांत केस की जांच करने वाले दोनों टॉप अफसर गुजरात कैडर के आईपीएस हैं। मनोज शशिधर को पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का खास माना जाता है। उन्हें इसी साल के शुरू में सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर पद पर नियुक्त किया गया था।
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तो मनोज शशिधर ने लंबे समय तक उनके साथ काम किया था। विशेषकर क्राइम और इंटेलिजेंस में शशिधर को खासी महारत हासिल है। कानून व्यवस्था के मामले में उनकी छवि दिलेर अफसर वाली रही है। कई ऐसे मामले रहे हैं, जिनमें उन्होंने त्वरित गति से निर्णय लेकर मामले को बिगड़ने से रोक दिया।
वे गोधरा रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर भी रहे हैं। वहां पर उनके अच्छे काम के चलते उन्हें इंटेलिजेंस महकमे के मुखिया की जिम्मेदारी दी गई। गुजरात की विजय रूपाणी सरकार के दौरान भी वे अहम पदों पर रहे हैं।
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