कोरोना संक्रमित मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की बड़ी बेटी ने शनिवार को एक बड़ी नजीर पेश की। उनके ड्राइवर को उनसे कोरोना संक्रमण न फैले, इसीलिए वह खुद अपने सीएम पिता एवं मां के साथ खुद गाड़ी चलाकर दून अस्पताल पहुंची। यहां पर तीनों की सीटी स्कैन समेत जरूरी जांचें की गई। सीएम की बेटी का यह फैसला उन नेताओं एवं अफसरों के लिए तो सबक है ही जो संक्रमित होने पर लगातार अस्पताल अपने ड्राइवरों एवं अन्य स्टाफ के साथ आ रहे हैं। वहीं, समाज के उन लोगों के लिए भी तमाचा है जो कोरोना संक्रमण से खुद एवं दूसरों को बचाने के लिए जरा भी सर्तकता नहीं बरत रहे हैं। दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उनकी पत्नी एवं बेटी शुक्रवार को कोरोना संक्रमित पाए गये। शनिवार को उन्हें शाम को दून अस्पताल में सीटी स्कैन के लिए आना था।
करीब साढ़े तीन बजे उनकी सुरक्षा में लगी टीम अस्पताल पहुंची और यहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना, डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री, सीएम के डाक्टर डा. एनएस बिष्ट यहां पहले से मौजूद थे। शाम करीब चार बजे चार गाड़ियां अस्पताल पहुंचती है।एक प्राइवेट गाड़ी बीच में थी। इसमें सीएम की बेटी खुद ड्राइव कर रही थी, तो सीएम उनकी बलग वाली सीट और उनकी पत्नी पीछे बैठी थी। डाक्टर एवं नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ यह नजारा देखकर चकित रह गये।बताया गया कि ड्राइवर संक्रमित न हो, इसीलिए बेटी ने खुद अपनी निजी गाड़ी चलाकर अस्पताल आने का फैसला किया। इस फैसले का तमाम चिकित्सकों एवं स्टाफ ने सराहना की। वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डा. बीएन त्रिपाठी ने तीनों का सीटी स्कैन किया। उसके बाद चिकित्सकीय परामर्श लेने के बाद बेटी गाड़ी चलाकर वापस माता पिता को ले गई।
कोरोना संक्रमित होने के बाद खुद को आइसोलेशन में रहने एवं दूसरों के संपर्क में न आकर उन्हें संक्रमित न करना भी बड़ी जिम्मेदारी है। सीएम की बेटी ने खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल पहुंचकर बेहतरीन संदेश समाज को दिया है। समाज के हर व्यक्ति की सोच यह होनी चाहिये। इसी सोच के साथ हम कोरोना संक्रमण को हराने में कामयाब होंगे।
डा. आशुतोष सयाना, प्राचार्य, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल