आखिर क्यों परेशान हैं दिग्विजय सिंह

जबलपुर (मप्र)। नर्मदा नदी की पैदल परिक्रमा शुरू करने के दो दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह छह माह की इस यात्रा के दौरान अपने शौच के स्थान को लेकर परेशान दिखाई दिये। 70वर्षीय दिग्विजय ने नर्मदा परिक्रमा की 3,300 किलोमीटर यात्रा के दौरान प्रदेश सरकार से उन्हें चलित शौचालय उपलब्ध कराने का अनुरोध किया किया था, इस पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने की खबरों के सवाल पर दिग्विजय ने शाम यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्वच्छ भारत अभियान (एसबीए) के तहत कई तुगलकी फरामान जारी किये गये हैं, जिसमें लुंगी जब्त करने तक के प्रावधान हैं। इसलिये मैं नहीं चाहता कि यह यात्रा के दौरान कोई मेरी या मेरी साथियों की धोती (लुंगी) उठाये।’’

वह रांची नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे अभियान ‘‘हल्ला बोल, लुंगी खोल’’ के संदर्भ में यह बोल रहे थे। इस अभियान के तहत वहां गत रविवार सुबह को खुले में शौच जाने पर सजा के तौर पर लुंगी रख ली गयी। बाद में खुले में शौच नहीं करने के वादे के साथ लोगों को उनकी लुंगी लौटाई गयी। छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के लिये चलित शौचालय की मांग के संबंध में सरकार से पत्राचार किये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिया था।

प्रोटोकाल का पालन नहीं करते हुए मुख्य सचिव के अधिनिस्थ अधिकारी द्वारा उनके पत्र का जवाब दिया गया जिसमें कहा है कि उनकी मांग संबंधित पत्र को संबंधित विभाग के पास भिजवा दिया गया है। इस तरह से स्वच्छता के मुद्दे पर मेरी मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। दिग्विजय अपने आध्यात्मिक गुरू द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आर्शीवाद के बाद कल दशहरे से नरसिंहपुर में नर्मदा नदी के किनारे बरमान घाट से नर्मदा परिक्रमा शुरू करेंगे। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार इस पद यात्रा के दौरान दिग्वजय को सुरक्षा मुहैया करायेगी। उनके साथ एक पुलिस अधिकारी भी रहेगा।

गौरतलब है कि अगले साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में दिग्विजय की ये परिक्रमा मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 110 से गुजरेगी। इसके अलावा, दिग्विजय की यह नर्मदा परिक्रमा गुजरात विधानसभा के 20 क्षेत्रों से भी गुजरेगी और गुजरात में भी इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए लोगों द्वारा दिग्विजय की इस यात्रा को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। दिग्विजय पूर्व राघौगढ़ राजघराने के वारिस है और राघौगढ़ के किले में पिछले तीन शताब्दियों से इस घराने के लोग दशहरा पर्व को भव्य तरीके से मनाते आ रहे हैं। दशहरे के दिन से अपनी इस नर्मदा परिक्रमा की यात्रा शुरू करने के चलते दिग्विजय पहली बार इस किले में आयोजित की जाने वाली इस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे।

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