रावत यहां एक कार्यक्रम के इतर बात कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने 47 आरमर्ड रेजिमेंट को प्रेसिडेंट्स स्टैंडर्ड दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार, पुलिस, प्रशासन और हर कोई कट्टरपंथ को लेकर चिंतित है। रावत ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि लोग इस तरह के कट्टरपंथ से दूर रहें।’’ सेना प्रमुख ने लोगों के कट्टरपंथी बनने के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा (कट्टरपंथ) मुख्यत: सोशल मीडिया की वजह से हो रहा है।’’
चोटी काटने की कथित घटनाओं के कारण सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, ‘‘आप इसे चुनौती के रूप में क्यों देख रहे हैं।’’ सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसा देश के अन्य इलाकों में भी हो रहा है और अब ऐसा कश्मीर में भी होने लगा है। यह पूछने पर कि क्या अलगाववादी इसका फायदा घाटी में अशांति फैलाने में कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इसके पीछे की सच्चाई को सामने लाने में मीडिया की भूमिका अहम है।