दिल्ली: रोहिणी के विजय विहार थाने में 17 साल बाद एक महिला की शिकायत पर रेप का केस दर्ज किया गया है। रेप का आरोपी विजय विहार फेज-1 के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ था। कुछ साल पहले वह इस विश्वविद्यालय से हट चुका है। रविवार को विश्वविद्यालय के बाहर बेटियों को जबरन कैद में रखने का आरोप लगाकर कुछ लोगों ने हंगामा किया। सीनियर पुलिस अफसर और आसपास के थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। महिला के बयान पर रेप का केस दर्ज कर डीआईयू को जांच का जिम्मा सौंपा गया।डीसीपी ऋषिपाल सिंह का कहना है कि महिला की कंप्लेंट पर वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया है। महिला ने अपनी कंप्लेंट में रेप की घटना का साल 2000 बताया है। जांच डीआईयू को सौंप दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, यह आध्यात्मिक विश्वविद्यालय करीब 30 साल से है। करीब 1 हजार गज में यह फैला हुआ है। करीब 100 युवतियां अपनी मर्जी से रहती हैं। विश्वविद्यालय का प्रबंधन भी महिलाओं के हाथ में है। मेडिटेशन, प्रवचन, योग और दूसरे धार्मिक कार्य यहां होते हैं। रविवार को दिल्ली समेत बाहर के राज्यों से लोग परिवार के साथ यहां आते हैं। ऐेसे ही जयपुर और दिल्ली के दो परिवारों का आरोप है कि उनकी बेटी को यहां जबरन कैद किया गया है। वे अपने बेटी को यहां से ले जाना चाहते हैं। इसको लेकर हंगामा शुरू हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची तो हंगामा कर रहे परिवार की एक महिला ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में साल 2000 में उनका रेप किया गया था। उस दौरान वह करीब 13 साल की थीं। महिला का आरोप है कि अंदर युवतियों के साथ इस तरह की घटनाएं होती हैं। उन्हें परिवार से मिलने नहीं दिया जाता और न ही घर जाने दिया जाता है। विवाद के बाद पुलिस टीमें महिला पुलिस बल के साथ रविवार दोपहर को अंदर हालात का जायजा लेने पहुंचीं। वहां रह रहीं सभी युवतियां बालिग थीं। सभी से पुलिस ने अलग-अलग ले जाकर बात की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सभी ने परिवार के साथ जाने से मना करते हुए कहा कि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति के लिए यहीं रहना है। दो परिवार अपनी बेटियों को साथ ले जाने की जिद कर रहे थे। उनकी बेटियों ने भी जाने से मना कर दिया।