नयी दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दिन में टीवी पर कंडोम के विज्ञापन के प्रसारण पर रोक केवल उत्तेजक सामग्रियों से जुड़ा हुआ है। जबकि, जिन विज्ञापनों में ये चीजें नहीं होंगीं, वे सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक के बीच में दिखाए जा सकते हैं। मोदी सरकार की ओर से यह सफाई इस फैसले को लेकर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में जारी की गई है।
आपको बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने कल सरकार को नोटिस जारी कर सुबह छह से लेकर रात 10 बजे तक के कंडोम के विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक के पीछे का कारण जानना चाहा था। सरकार ने 11 दिसंबर को एक परामर्श जारी कर टीवी चैनलों को ऐसा करने के लिए कहा था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कल एक आधिकारिक ज्ञापन के जरिए कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि परामर्श सिर्फ कुछ कंडोम ब्रांड के विपणन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले यौनोत्तेजक सामग्री से जुड़ा हुआ है, जो जन संपर्क के लिहाज से दर्शकों को आर्किषत करता है।’’
ज्ञापन में आगे यह भी कहा गया है, ‘‘ऐसे विज्ञापन जिसमें महिलाओं को वस्तु की तरह पेश नहीं किया जाए और जिसका लक्ष्य सुरक्षित यौन संबंध को सुनिश्चित करने वाले उपकरणों/उत्पादों/ चिकित्सकीय माध्यम के बारे में लोगों को जागरूक बनाना है, इस परामर्श के अंतर्गत नहीं आते हैं।’’
गौरतलब है कि कंडोम विज्ञापनों के लिए समयसीमा तय करने के मामले पर कई लोगों ने इसकी आलोचना भी की थी। जबकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का इस बाबत कहना है कि भारत सालों से अपनी बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या से जूझ रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 4 के 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक, कंडोम पर अधिक बात की जानी चाहिए।
जबकि, बहस इस बात को लेकर है कि बच्चे इन विज्ञापनों से प्रभावित होंगे। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इंटरनेट के इस दौर में बच्चों इस गर्भनिरोधक जानकारी के लिए टारगेट ऑडियंस होना चाहिए।