देहरादून। दिसंबर के पहले सप्ताह में अवैध रूप से बसी शीशमबाड़ा बस्ती को खाली करने की मुनादी के बाद शुक्रवार को प्रशासनिक अमले ने एक बार फिर बस्ती का रुख किया। इस बार प्रशासन के साथ सीआरपीएफ के अधिकारी भी बस्ती पहुंचे, जिससे बस्ती के बाशिंदों में हड़कंप मचा रहा। एसडीएम विकासनगर जितेंद्र कुमार के अनुसार प्रशासन ने बस्ती में जाकर ध्वस्तीकरण की रणनीति तैयार की है।
हालांकि उन्होंने कार्रवाई की तिथि का खुलासा नहीं किया, लेकिन प्रशासन के सूत्रों के अनुसार सोमवार को बस्ती ध्वस्त करने की कार्रवाई करने का निर्णय ले लिया गया है। वहीं दूसरी ओर कुछ दिन पूर्व बस्ती के बाशिंदों के लिए उम्मीद बनकर आए सहसपुर विधायक से जब स्थानीय लोगों ने संपर्क करना चाहा तो विधायक ने क्षेत्र से बाहर होने की बात कह मामले से पल्ला झाड़ लिया।
बताते चलें कि तहसील प्रशासन पछवादून को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए इन दिनों बड़ी कार्रवाई कर रहा है। हालांकि कार्रवाई सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में की जा रही है, जहां संबंधित विभाग अपनी जमीन पर मालिकाना हक मांग रहा है। नवंबर में नगर पालिका विकासनगर की ओर से अधिग्रहित की गई डाकपत्थर खादर की जमीन पर बसी अवैध बस्ती तहसील प्रशासन ने खाली कराई थी। उसके बाद सीआरपीएफ को आवंटित शीशमबाड़ा की जमीन पर बसी बस्ती को अवैध घोषित कर उसे खाली कराने के लिए बस्ती में मुनादी कराई गई।
हालांकि इस बीच बस्ती के बाशिंदों ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री से राष्ट्रपति तक आशियाना बचाने की गुहार लगाई। लेकिन, कहीं से सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने पर बस्ती में सामूहिक पूजा-अर्चना कर भगवान से गुहार लगाई गई। कुछ दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक सहदेव पुंडीर ने बस्ती नहीं उजाड़ने का आश्वासन यहां के बाशिंदों को दिया था। लेकिन, शुक्रवार को सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ तहसील प्रशासन की टीम ने बस्ती में जाकर ध्वस्तीकरण की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया।
बकौल एसडीएम विकासनगर बस्ती को ध्वस्त करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। साथ ही बस्ती के बाशिंदों को एक-दो दिन में अपना घरेलू सामान सुरक्षित स्थान पर ले जाने की जानकारी दी गई है। शुक्रवार को बस्ती के निरीक्षण में तहसील प्रशासन व सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ ही सीओ सिटी चंद्रमोहन सिंह , सीओ विकासनगर पंकज गैरोला, थानाध्यक्ष प्रेमनगर मुकेश त्यागी आदि मौजूद रहे।