देहरादून। कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार को बचाने की कौशिश में जुट गए हैं। आज सुबह से मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ मंत्रणा की। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने नौ बागी विधायकों को एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत नोटिस भेजा है।
बैठक के बाद सीएम हरीश ने कहा कि सरकार के ऊपर कोई संकट नहीं है। जो बागी विधायक गलती मान लेगा उसे माफ कर दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पांच बागी विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं। सीएम हरीश रावत ने कहा कि यदि मैं विधान सभा में विश्वासमत में हारा तो दूंगा इस्तीफा। वहीं, सीएम ने आज दोपहर तीन बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। उधर, शाम करीब साढ़े सात बजे सीएम हरीश रावत राज्यपाल केके पॉल से मिलेंगे।
उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब ‘घर’ में ही बगावत के कारण किसी सरकार को सदन के भीतर न सिर्फ मत-विभाजन की सियासी आपदा से दो-चार होना पड़ा है, बल्कि सदन में मतदान के वक्त सत्तापक्ष के नौ विधायक भी विपक्ष के साथ खड़े हो गए। इसके बाद बागी विधायकों व भाजपा विधायकों ने दावा किया की बजट पारित न होने से सरकार अल्पमत में आ गई। ऐसे में राज्यपाल को हरीश रावत सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।