नई दिल्ली: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन के साथ चल रहे दो महीने पुराने विवाद पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि इस अवधि के दौरान उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई। रतन टाटा आज हुई ईजीएम में भावुक भी दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि आखिर में सच की ही जीत होगी, लेकिन इसकी प्रक्रिया थोड़ा दुखी दुखी कर सकती है। गौरतलब है कि बीते 24 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद रतन टाटा ने पहली बार टाटा केमिकल्स के शेयरहोल्डर्स की मीटिंग में अपनी बात सामने रखी। टाटा ने सपोर्ट के लिए शेयरहोल्डर्स का शुक्रिया भी अदा किया।
क्या कहा रतन टाटा ने:
रतन टाटा ने कहा, “बीते दो महीनों के दौरान निश्चित तौर पर मेरी और इस महान ग्रुप टाटा ग्रुप की छवि को बिगाड़ने की कोशिश हुई। इन दिनों मैं काफी अकेला हूं। क्योंकि न्यूजपेपर्स उन पर होने वाले हमलों से भरे होते हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातक बेबुनियाद और दुख पहुंचाने वाले होते हैं। ग्रुप 150 साल पुराना है। इसका बेस गर्वनेंस और फेयर प्ले रहा। मैं सोचता हूं कि आखिर में सच्चाई की जीत होगी।”
क्यों बुलाई गई थी टाटा केमिकल्स की ईजीएम
दरअसल टाटा केमिकल्स की एक्सट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) मिस्त्री और उनके समर्थक स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी। आपको बता दें कि मिस्त्री पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं, इसलिए शेयरहोल्डर्स ने वाडिया को हटाने के पक्ष में वोट किया।