गंगा में मिल रहा सीवर लाइन का दूषित पानी

रायवाला । कुंभ मेला निधि से हरिपुरकलां में बिछाई गई सीवर लाइन देखरेख के अभाव में न केवल स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। सीवर मिश्रित यह गंदा पानी सीधे गंगा में पहुंच रहा है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं हुए। वहीं ड्रेनेज सिस्टम के अभाव में भी रायवाला बाजार सहित कई बस्तियों का गंदा पानी सीधे गंगा में मिल रहा है, लेकिन जिम्मेदार इसकी रोकथाम के लिए कोई कारगर योजना अब तक नहीं बना सके हैं। यह हाल तब है जबकि नमामि गंगे योजना के तहत गंगा स्वच्छता के लिए भारी बजट खर्च किया जा रहा है।

जर्जर है सीवर लाइन

हरिपुरकलां में कुंभ निधि से सीवर लाइन तो डाली गई थी। यह लाइन देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में है। आए दिन सीवर चोक होने से गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। बरसात के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है। सबसे ज्यादा दिक्कत इंटर कॉलेज रोड, प्रेमविहार चौक व गीता कुटीर-सप्तऋषि मार्ग पर है। सीवर लाइन के चेंबर टूटे हुए हैं। सीवर मिला बरसाती पानी सीधे गंगा में पहुंचता है। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।

डेढ़ वर्ष से लंबित है योजना

जर्मन बैंक पोषित योजना के अंतर्गत 27 किलोमीटर सीवर लाइन बनाई जानी है। इस योजना में हरिद्वार शहर की सीमा से सटे ऋषिकेश तहसील के हरिपुरकलां गांव को भी शामिल किया गया है। ग्राम पंचायत की ओर से मिले प्रस्तावों के आधार पर विभिन्न वाडरें में नई सीवर लाइन स्वीकृत की गई है। यह योजना करीब डेढ़ साल से लंबित है।

बोले जिम्‍मेदार

  • आलोक कुमार पांडे (मुख्य नगर आयुक्त हरिद्वार) का कहना है कि हरिद्वार नगर तथा उससे सटे क्षेत्रों जैसे हरिपुर कलां, जगजीतपुर, सीतापुर व सराय में करीब 182 किमी सीवर लाइन बिछाई जानी है। हरिपुरकलां में 27 किलोमीटर नई सीवर लाइन बिछनी है। इससे ओवरफ्लो होने न अन्य सभी दिक्कतें दूर हो जाएंगी। नमामि गंगे के तहत नालों के डायवर्जन का काम भी चल रहा है। इन कार्यों को जल्द पूरा किया जाएगा।
  • सतेंद्र धमांदा ( ग्राम प्रधान हरिपुरकलां) का कहना है कि करीब 10 वर्ष पहले बिछाई गई सीवर लाइन क्षेत्र की जरूरत के मुताबिक कम क्षमता की हैं। इनकी गुणवत्ता पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। ओवरफ्लो व जर्जर लाइनों से सीवर सड़क पर बहता हुआ गंगा में पहुंच जाता है। जिससे न केवल स्थानीय लोगों को दिक्कत होती है, बल्कि धार्मिक भावना भी आहत होती है। इनकी मरम्मत के साथ ही नई सीवर लाइन बिछानी जरूरी हैं।

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