प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद

-रुड़की क्षेत्र की 6 विधानसभाओं में 72 प्रतिशत हुआ मतदान
रुड़की। आज प्रदेश के विधानसभा चुनावों के बाद सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया। जनपद हरिद्वार की प्रशासनिक जिला रुड़की की 6 विधानसभाओं में छुटपुट घटनाओं के अलावा कहीं पर भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नही मिली। आज सुबह से ही मतदान के लिये मतदाताओं की लाईनें लगनी शुरू हो गयी थी। उसके बाद से दोपहर तक मतदान की स्पीड़ बराबर बनी रही। सुबह दस बजे तक जहां दस प्रतिशत तक मतदान हो पाया था वहंी धीरे-धीरे दोपहर 1 बजे तक यह मतदान लगभग 40 प्रतिशत पहंुच गया था। रुड़की जनपद में लगभग 72 प्रतिशत मतदान की सूचना मिली है।
बुधवार को हुए मतदान के चलते क्षेत्रवासियों में भारी उत्साह देखा गयाा। सुबह से लोगों की लाईन मतदान केन्द्रों पर लग गई। हालांकि सुबह ठंड के चलते मतदान की स्पीड़ कुछ कम रही लेकिन दोपहर 1 बजे तक 40 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था। नगर व देहात क्षेत्र में छुटपुट झडप को छोड़कर कोई बड़ी घटना नही घटी है। पांच बजे के निर्धारित समय पर सभी पोलिंग बूथ के दरवाजे बन्द कर दिये गये थे कुछ स्थानों पर जो वोटर लाईन में लगे हुए थे उन्हें अन्दर रोककर अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने का अवसर दिया गया। रुड़की विधानसभा क्षेत्र में लगभग 68 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डालें। भगवानपुर विधानसभा में 71 प्रतिशत, कलियर में 72 प्रतिशत, खानपुर में 72 प्रतिशत, झबरेडा में 73 प्रतिशत तथा मंगलौर में कहीं कहीं 80 प्रतिशत वोटिंग हुई। कई स्थानों पर वोटर को अधिकारियों की लापरवाही के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। तो अनेक स्थानों पर पुलिस की सख्ती के चलते पोलिंग बूथ पर चाय व कोल्डड्रिंक आदि तक भी नही जाने दी गई। इससे पार्टी समर्थकों में प्रशासन के प्रति रोष देखने को मिला। क्षेत्र में सभी आलाधिकारियों की विभिन्न मतदेय स्थलों पर उपस्थिति दर्ज की जाती रही। सभी प्रत्याशियों की गाड़िया भी चुनाव का जायजा लेने के लिए क्षेत्र के विभिन्न पोलिंग बूथों पर घूमती देखी गई। सेक्टरों मजिस्टेªटों व अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी घूमकर लगातार स्थिति पर नजर बनाये रखीं। मतदेय स्थलों पर इस बार भी किसी भी प्रत्याशी को वोट न देने’ यानि नोटा का ऑप्शन रखा गया था। रामनगर क्षेत्र में सीमा के बाहर बस्ता लगाने को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ मेयर यशपाल राणा की नोंकझोंक हुई। यशपाल राणा के निर्वाचन अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर समझौता हो गया।

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