देहरादून में धूमधाम से मनाया जा रहा है क्रिसमस

देहरादून।  शहर के सभी चर्च रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग हैं। रात के साढ़े ग्यारह बजे हैं। सर्द बयार चल रही है, लेकिन चर्च परिसरों में लोग एकत्र हैं। उल्लास और उमंग की गर्माहट से किसी को सर्दी का अहसास नहीं हो रहा। कैरल की गूंज के बीच हर किसी को इंतजार है प्रभु यीशु के जन्म का। ठीक 12 बजे चर्च में घंटे बज उठे, जिसका संदेश था कि प्रभु यीशु का जन्म हो चुका है। फिर क्या था। उल्लास चरम पर पहुंच गया। कैरल संगीत की गूंज और तेज हो गई। लोगों ने एक-दूसरे को ‘मैरी क्रिसमस’ बोलकर शुभकामनाएं दी।

इसके बाद पवित्र मिस्सा बलिदान चढ़ाने की प्रक्रिया हुई और फिर डेढ़ घंटे की विशेष प्रार्थना हुई। इसमें प्रभु यीशु का संदेश दिया गया। कहा कि हमें प्रभु यीशु के जीवन से मिले संदेशों को आत्मसात करना चाहिए। इसके अलावा लोगों ने बधाई गीत ‘आया प्रभु आया, प्यारा प्रभु आया’, ‘प्रभु आया प्रेम का संदेश लाया’ आदि गाकर खुशी मनाई। सोमवार सुबह से ही लोगों का चर्च पहुंचना शुरू होगया और विशेष प्रार्थना हुुई । बीते कई दिनों से शहर में क्रिसमस की तैयारी शुरू हो गई थी।

ईसाई समुदाय के लोग कैरल गीत गाकर घर-घर जाकर खुशियां बांट रहे थे। सेंट जॉन्स चर्च, सेंट फ्रांसिस चर्च, मॉरीसन मेमोरियल चर्च, सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च, सेंट थॉमस चर्च आदि के साथ ईसाई समुदाय के लोगों के घर भी रंग-बिरंगी लाइटों से सजे हैं। बाजारों में भी रौनक रही। क्रिसमस ट्री और सांता क्लॉज की टोपी, यूनीफार्म, बेल के साथ प्लम केक व अन्य उत्पादों की भी खूब खरीददारी हुई।

सांता भी खूब आए नजर 

देर रात चर्च में पहुंचे काफी बच्चे और युवा सांता क्लॉज की यूनिफार्म में आए थे। कुछ लोगों ने तो सभी को टॉफी, चॉकलेट आदि बांटी भी। बच्चे हों या बड़े, हर किसी के चेहरे पर उल्लास का भाव साफ झलक रहा था।

देर रात काटे केक  

क्रिसमस की खुशी में लोगों ने रात को ही घरों में केक काटा। इसके बाद कॉफी समेत अन्य पेय पदार्थों की सिप से क्रिसमस का लुत्फ उठाया। साथ ही सोशल मीडिया पर भी क्रिसमस की शुभकामनाएं देने का सिलसिला चलता रहा। बेकरी संचालक मुदित गुलाटी ने बताया कि सांता और प्रभु यीशु की फोटो वाले केक बनवाए। सोमवार के लिए भी ऐसे तमाम आर्डर हैं।

घरों में सजे हैं सितारे

प्रभु यीशु के जन्म के पहले जो आकाशवाणी हुई थी, उसमें कहा गया था कि बालक यीशु के जन्म के समय एक सितारा आसमान में चमकेगा। यह सितारा जहां जाकर रुक जाएगा उस स्थान पर ही शांति के मसीहा का जन्म होगा। इसलिए क्रिसमस पर सितारों (स्टार) को लोगों ने घरों में सजाया है।

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